प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग के निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा को टिकट नहीं मिलने पर काफी दिनों बाद उनके समर्थक अब बड़ी संख्या में विरोध दर्ज कराते हुए पार्टी छोड़ रहे है. यह और बात है कि जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं वे कभी पार्टी के लिए समर्पित नही रहे. एक तरह से यह कहना गलत नहीं होगा कि ये लोग निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा के पेड वर्कर थे. उन्हीं के लिए वे काम करते थे. उनके काफी करीबी रहे लोगों द्वारा भाजपा को छोड़ने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजेश सहाय ने अपने समर्थकों के संग पार्टी के सदस्यता और पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. पार्टी की सदस्यता और पद से इस्तीफा देते हुए राजेश सहाय ने भाजपा जिला अध्यक्ष को पत्र भेजते हुए कहा कि में 1997 से पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता रहा हूं.
भाजपा मंडल अध्यक्ष, भाजयुमो जिला महामंत्री, भाजपा मंडल महामंत्री, भाजपा मंडल अध्यक्ष, सांसद प्रतिनिधि सहित वर्तमान में भाजपा जिला उपाध्यक्ष के दायित्व पर निष्ठा पूर्वक पार्टी एवं संगठन का कार्य लगातार करता आया हूं. वर्तमान परिदृश्य में भाजपा के द्वारा कई दागी छवि के व्यक्तियों को टिकट दिया गया जबकि चार बार के उत्कृष्ट सांसद और एक बार के सर्वश्रेष्ठ सांसद जयंत सिन्हा का टिकट काट दिया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है. काफी सोच विचार के पश्चात मैंने पार्टी के पद और सदस्यता से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है. भाजपा जिला उपाध्यक्ष के साथ इस्तीफा देने वालों में वरिष्ठ भाजपा नेता संजय सिंह धमना, वरिष्ठ भाजपा नेता केदार प्रसाद यादव पदमा सरैया, भाजपा नेता दिलेश्वर प्रसाद साहू, भाजपा नेता रविंद्र राणा, पदमा, श्यामाकांत सहाय नगवां, बूथ अध्यक्ष सहित कई अन्य शामिल है.
अब भाजपा और मजबूत होगी: अशोक सिंह
इस्तीफो की झड़ी के बीच प्रतिक्रिया देते हुवे भाजपा नेता अशोक सिंह ने कहा कि हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से मनीष जायसवाल की जीत तय है. मनीष जायसवाल न केवल लोकप्रिय नेता है बल्कि बड़े समाजसेवी भी है. कोरोनाकाल में इनका सहयोग, गरीब बेटियों का विवाह सहित इनके काम जनता के दिल में है. अभी जो लोग भाजपा से हट रहे हैं, वे लोग स्वार्थी रहे है. वर्तमान सांसद के करीबी है. आज तक जनसमस्या से इनको कोई मतलब नहीं रहा है. जयंत सिन्हा को टिकट नहीं मिलने के कारण ये लोग पार्टी छोड़ रहे है. ये लोग बीते बीस साल से भाजपा और क्षेत्र का दोहन कर रहे थे. जयंत सिन्हा पूरे क्षेत्र में केवल इन्हीं लोगों को पहचानते थे.
नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी ने उड़ाई भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों की रातों की नींद
हजारीबाग में मतदान को अब कुछ ही दिन बचे है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी खूब पसीना बहा रहे है, लेकिन नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी से दोनों की रातों की नींद उड़ गई है. दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं में खूब तनाव चल रहा है, कोई इस्तीफा दे रहा है, तो कोई अपने ही कार्यकर्ता से नाराज देखे जा रहे है. मंगलवार को दो दर्जन से अधिक कांग्रेस नेताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि गठबंधन प्रत्याशी जब नामांकन की तैयारी कर रहे थे उस वक्त बड़कागांव में एक सभा हुई थी. उसमें एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता को भाषण देने से रोक दिया गया था, जिससे वे नाराज हो गए और भाषण देने से रोकने वाले नेता से कहा कि आपके ही बूथ पर 2019 के चुनाव में पार्टी को तीन वोट पड़े थे.
इसके जवाब में पूर्व वरिष्ठ नेता पर को कहा गया कि आपके भी बूथ पर 10 से 15 वोट पड़े थे और दूसरे को भाषण देने से रोकते है. कई लोगों ने यह भी बताया कि जिले के दो वरिष्ठ नेता भाजपा के हाथों पांच लाख और तीन लाख रुपये में बिक चुके है. हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र में इकलौता नेता मुन्ना सिंह है जो लोकसभा प्रत्याशी की मदद कर रहे है और वह दिल खोलकर मैदान में दिख रहे है लेकिन कुछ नेता उनके साथ भी धोखाधड़ी कर रहे है. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी को अपने कार्यकर्ताओं को मनाना होगा और प्रत्याशी खुद निगरानी करनी होगी किस बूथ पर कितने वोट इंडिया गठबंधन को मिले.