प्रशांत शर्मा/ न्यूज़11 भारत,
हजारीबाग/डेस्क:
बड़कागांव के महुदी गांव को एक समुदाय विशेष के लोग सुलगाने पर अड़ गाएं ऐसे लोग शांतिपूर्ण वापसी कर रहे रामनवमी जुलूस को अपने गांव से नहीं गुजरने देने की मांग पर अड़ गए। उनका कहना है की वो रामनवमी जुलूस को अपने गांव से गुजरने नही देंगें। यह देख वापसी कर रहे जुलूस में शामिल रामभक्त गांव के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद जैसे ही अंधेरा पसरा धरने पर बैठे लोगो पर भारी पथराव कर दिया गया व आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया गया। घटना को ले महुदी में भारी तनाव है। घटना की सूचना मिलते ही एसपी, हजारीबाग मौके पर पहुंच गए हैं।
मालूम हो की आज सुबह महूदी गांव से रामनवमी का अष्टमी जुलूस शांति पूर्वक गुजरा था। हल्का प्रतिरोध किया गया था मगर लोग शांतिपूर्ण तरीके से गांव से गुजर गए। जुलूस जब वापसी कर रही थी तब पुलिस की मौजूदगी में महुदि के एक समुदाय विशेष के लोग उग्र हो गए और पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया की वे किसी भी कीमत पर अपने गांव से जुलूस की वापसी नही होने देंगे। इसके बाद पुलिस की ओर से गांव के प्रवेश द्वार के बैरेकेटिंग कर दी गई। यह देख जुलूस में शामिल लोग गांव के बाहर भारी तादाद में धरने पर बैठ गए। उस वक्त दिन का उजाला था। समुदाय विशेष के लोग जहां जुलूस के पुनः गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रहे थे,वही जुलूस में शामिल लोग उसी मार्ग से वापसी की मांग पर अड़े थे। इसके बाद जैसे ही अंधेरा पसरा समुदाय विशेष के लोगो ने बिचाली के मचान में आग लगा दी और धरने पर बैठे लोगो पर भारी पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद इलाके में अफरातफरी और भगदड़ मच गई। इधर घटना की खबर मिलते ही एसपी हजारीबाग मौके पर पहुंच गए है। समाचार लिखे जाने तक मौके पर भारी तनाव की स्थिति बनी हुई है। मामले में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए डीसी नैंसी सहाय से संपर्क करने की कोशिश की गई मगर आदतन उन्होंने फोन काल रिसीव नहीं किया।
क्या है मामला- 1984 ई के पूर्व तक महुदी राणा मुहल्ला का जुलूस व झांकी एवम शोभा यात्रा महुदी ग्राम के विभिन्न गलियों से होकर मुस्लिम मुहल्ला मस्जिद टोला के बाद कानोदा तक अष्टमी की रात्रि पहुंचता था। साथ ही साथ उक्त शोभायात्रा नयाटांड तक मिलान करने को आता था एवं नवमी को पूजा अर्चना के उपरांत हरली में आयोजित भव्य रामनवमी मेला में 84 गाँव के राम भक्तों नियमित शामिल होते थे। तथा शाम को अपने गांव वापस होता था जिसे 1984 में आपसी विवाद के कारण रोक दी गई।जिसमें दो लोग हरली निवासी कार्तिक महतो और सांढ़ गांव निवासी देवल महतो की मौत हो गई थी।
इसके बाद से कुछ ना कुछ कारण से शोभा यात्रा पर रोक लगा दी गई ।महुदी मुख्य मार्ग में पुलिस व प्रशासन के द्वारा बैरिकेडिंग लगा दिया जाता था।जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश बना रहता था।लोगों का कहना है कि यह स्वतंत्र भारत में हिंदू समाज के लिए कलंक था।
जिसको लेकर कई बार राजनीतिक प्रशासनिक सामाजिक एवं ग्राम स्तर पर शोभायात्रा निकालने को लेकर प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली।हालांकि 5 वर्ष पूर्व 2018 में पूर्व विधायक लोकनाथ महतो के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई और लोगों को अस्वस्थ किया गया कि आने वाले दिनों में रामनवमी के अवसर पर किसी तरह का कोई भी समुदाय से आपत्ति नहीं होगी और शोभायात्रा, झांकी व जुलूस नियमित रूप से महूदी मुख्य मार्ग से निकाले जाएंगे। लेकिन वह भी मुस्लिम समुदाय के इनकार करने के बाद ज्यों का त्यों धारा का धरा रह गया और पुनः पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त मार्ग में बैरिकेडिंग की जाने लगी।
इस मामला और तूल पकड़ते गया तथा हिंदू संगठन के द्वारा हजारीबाग से पैदल रथ लेकर विधानसभा तक पहुंच गया जहां आश्वासन मिला और हजारीबाग उपायुक्त के निर्देशन में उक्त गांव में बैठक कर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया गया ।