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रांची/डेस्क: ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के OSD संजीव लाल के सहायक जहांगीर आलम के घर से करोड़ों रुपए बरामद होने के बाद भाजपा ने राज्य सरकार पर बड़ा आक्रमण किया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से इस मामले पर कार्रवाई कर सीबीआई जांच की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के भ्रष्ट इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद ईडी को अहम जानकारियां प्राप्त हुई थीं. ईडी ने राज्य के मुख्य सचिव को गोपनीय पत्र लिखकर कारवाई करने को कहा था. मुख्य सचिव ने ईडी के पत्र का संज्ञान लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को कारवाई करने का आदेश दिया लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत. बाबूलाल ने आगे कहा कि जो गोपनीय पत्र ईडी, मुख्य सचिव के पास से होते हुए विभागीय सचिव के पास पहुंचा था, वह गोपनीय पत्र आज ईडी की कारवाई के दौरान मंत्री आलमगिर आलम के सचिव के नौकर से 25 करोड़ रुपये के खान से बरामद हुआ है.
पत्र का लीक होकर नौकर के घर पहुंचना बेहद संवेदनशील
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि अब झारखंड में इन भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों के निर्लज्जता का अंदाजा लगाईए. जिस पत्र के आधार पर कार्रवाई होनी थी, उसे ही दबाकर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित करने का धंधा चलता रहा. एक तो भ्रष्टाचार और दूसरा ऐसे गोपनीय पत्र का लीक होकर नौकर के नोटखाना में पंहुच जाना बेहद संवेदनशील मामला है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को तुरंत इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए. आखिर पता तो चले कि इतनी गोपनीय चिट्ठी किन-किन लोगों के पास से गुजरते हुए नोटों के खान के बीच पंहुच गई. ग्रामीण विकास सचिव ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की और ये चिट्ठी किसको दिया? उन्होंने कहा कि भूतपूर्व मुख्यमंत्री का हश्र देखकर सबक लीजिए. दूसरों के पाप का घड़ा अपने सर मत फोड़िये. मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कड़े कदम उठाईये, अन्यथा उम्र के इस पड़ाव पर आपको भी होटवार जाना पड़ सकता है.