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रांची: झारखंड के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कालेज राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में मेडिकल की सीट पर दाखिला नहीं लिये जाने का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा है. हाईकोर्ट में लोहरदगा के रहनेवाले नीट के सफल अभ्यर्थी आर्शीवाद सुमन की तरफ से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि मेडिकल के एमबीबीएस कोर्ट के लिए आर्शीवाद का चयन झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की ओर से तैयार मेधा सूची में किया गया था.
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आर्शीवाद सभी अहर्ताओं को भी पूरा करता था. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की तरफ से रिम्स में दाखिले के लिए उनके नाम की सिफारिश करते हुए सीट एलाट किया गया. रिम्स में आर्शीवाद का एडमिशन भी लिया. लेकिन बाद में रिम्स प्रबंधन ने सीट एलॉटमेंट और नामांकन की प्रक्रिया रद्द कर दी और आर्शीवाद की जगह दूसरे छात्र का दाखिला ले लिया गया. आर्शीवाद का चयन दिव्यांग कोटे के तहत हुआ था. बगैर किसी ठोस प्रमाण के नामांकन रद्द कर दूसरे छात्र को एडमिशन देने के मामले पर हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की अपील की गयी है. दायर याचिका में नामांकन आदेश को रद्द करने की अधिसूचना को खारिज करने की मांग की गयी है.