कृपा शंकर/न्यूज11 भारत
बोकारो/डेस्क: बोकारो जिला में निजी स्कूलों के मनमानी के खिलाफ मिली शिकायतों को लेकर जिला उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर बनी जिला स्तरीय कमेटी की पहली बैठक उपायुक्त कार्यालय में शनिवार को हुई. अध्यक्षता उपायुक्त श्रीमती जाधव ने किया. बोकारो उपायुक्त, अभिभावक और प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.
उपायुक्त विजया जाधव ने बताया कि अभिभावकों की शिकायत थी कि हर साल प्राइवेट स्कूल री-एडमिशन, डेवलपिंग चार्ज, फीस, नए-नए राइटर/पब्लिकेशन के बुक की सूची स्कूलों के द्वारा अभिभावकों को थमा दी जाती है. एक-दो चैप्टर के बदलने के नाम पर पूरी बुक ही बदल दी जाती है. वहीं, प्राइवेट स्कूलों से मिली पुस्तकों की सूची किसी खास पब्लिशर या डिस्ट्रीब्यूटर के पास ही उपलब्ध होता है. जहां कोई डिस्काउंट नहीं दिया जाता है. इससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है. कहा कि अभिभावकों ने ये भी बताया कि विगत वर्षों में स्कूली बस के भाड़ा में भी काफी इजाफा किया गया है, जबकि पेट्रोल, डीजल के नाम स्थिर है. वहीं लेट फाइन के नाम पर लिया जाने वाले चार्ज से भी अधिक दबाव बनता है. इसके साथ ही कहा कि शिकायत ये भी मिली की 210 दिन का वर्किंग डे होता है और पुस्तकें 20-25 खरीदवाई जाती है. इनमें से कई पुस्तकें कभी खोली तक नहीं जाती है.
नेचुरल जस्टिस के तहत शिकायतों का करेंगे निवारण
उपायुक्त श्रीमती जाधव ने कहा कि अभिभावकों की ओर से मिली शिकायतों को स्कूलों में फार्वड किया जा रहा है. स्कूल प्रबंधन के अपना पक्ष जवाब मांगा गया है. एनसीईआरटी की पुस्तकें क्यों नहीं चलाई जा रही है या अन्य बुक क्यों चलाई जा रही है. इसको लेकर उच्च स्तर पर बात की जायेगी. वहीं, स्कूल के ऑडिट को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं. ऑडिट रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि पैसा आखिर खर्च कहां किया जा रहा है. कहा कि दोनों साइड को नेचुरल जस्टिस देते हुए शिकायतों का निवारण करेंगे. अगली बैठक रामनवमी के बाद होगी.