चतरा : जिले के कुंदा पंचायत में सरकारी मदद से पहले एक मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी. मरीज के बारे में एक युवक ने शुक्रवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री को सूचना दी थी जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डीसी चतरा को इलाज के समुचित व्यवस्था का निर्देश दिया था. जबतक प्रशासन की मदद मरीज तक पहुंचती, उसकी मौत हो चुकी थी. उधर, मरीज की मौत के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है.
क्या है पूरा मामला
एसके झा नाम के एक युवक ने शुक्रवार को अपने ट्विटर हैंडल पर इस संबंध में जानकारी लिखी थी और अपने ट्वीट को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग किया था. चतरा जिले की कुंदा पंचायत के गांव टिकैतबांध में गंझू टोला निवासी 55 वर्षीय एतु गंझू तीन महीने से गंभीर रूप से बीमार है. वह चारपाई पर लेटे-लेटे रोज भगवान से मौत की दुआ मांगता है. गरीबी इतनी है कि वह इलाज भी नहीं करा पा रही है. हां, एक झोलाछाप डॉक्टर कभी-कभी उसे कुछ दवाएं दे जाता है. इसी झोलाछाप डॉक्टर ने एतु को टीबी होने की बात उसकी पत्नी को बताई है. पत्नी भी लाचार है, क्योंकि उसके पास अस्पताल तक जाने के लिए न तो पैसे हैं और न ही कोई साधन. वह मजदूरी कर परिवार पाल रही है.
सात लोगों की टीबी से हो चुकी है मौत
पिछले दो वर्ष में कुंदा प्रखंड के सात लोगों की मौत टीबी से हो चुकी है. इसमें मांझीपाडा गांव के रामस्वरूप भुइयां, जगतु भुइयां, रतन भुइयां, अरुण भुइयां, बैरियाचक के लक्ष्मण भुइयां, लेवाड गांव के बालदेव भुइयां व टिकैतबांध निवासी दीना गंझू शामिल हैं. इनमें से लक्ष्मण भुइयां की मौत 17 सितंबर को हुई है.