सत्यमेव जयते से प्रेरित होकर रांची के अलाउद्दीन ने ऑटो को बना डाला एंबुलेंस
रांची : सड़क दुर्घटना में घायलों को राह चलते लोग नज़र अंदाज़ कर कर चले जाते है मगर रांची का एक ऑटो चालक ऐसा भी है जो घायल लोगों को निशुल्क अस्प्ताल पहुंचाने का काम करता है. उसने अपनी आजीविका के लिए चलाने वाले ऑटो को बना डाला एम्बुलेंस और ऑटो एम्बुलेंस के पहिये से अब तक उसने सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचा चुका है.
पिछले 35 सालों से ऑटो चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट भरने वाले अलाउद्दीन अंसारी को धारावाहिक सत्यमेव जयते ने बदल कर रख दिया. पेशे से ऑटो चालक अलाउद्दीन पहले सड़कों पर घायल को देख निकल जाते थे. लेकिन अब उन्हें अस्प्ताल पहुंचाने का काम करते हैं, वह भी निशुल्क. जब उन्हें पता चला कि सबसे ज्यादा मौत सड़क हादसों में होती है क्योंकि घायलों को सही समय पर अस्पताल नसीब नहीं हो पाता तब से पिछले 4 वर्षों से घायलों को अस्पतल पहुंचाने और परिजनों से संपर्क कर मदद करने का काम कर रहे हैं.

पैसे वालों की रांची शहर के सड़कों पर हजारों ऑटो और कार आपको देखने को मिल जाएगी जो कभी भी सड़क दुर्घटना में घायलों के मदद के लिए नहीं रुकती. अलाउद्दीन पैसे से तो गरीब हैं लेकिन उनका दिल अमीर है. भलाई के इस काम में कई बार इन्हें लोगों के ताने सहने पड़ते हैं कई बार तो उन्हें कानून का भी शिकार होना पड़ता है. कभी-कभी वह मायूस भी हो जाते हैं लेकिन दिल और मन में दूसरों की मदद करने की तम्मना कभी कम नहीं होती.
रांची : अंजुमन अस्पताल में हज जाने वालों का हुआ टिकाकरण, दी गई ट्रेनिंग
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि कोई भी घायल हो अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से पुलिस उसकी इच्छा के बगैर पूछताछ नहीं कर सकती. लेकिन आज भी लोग कानूनी पेच में फंसने के डर से सड़कों पर घायल व्यक्ति को देखकर गाड़ी आगे बढ़ा लेते हैं. वैसे लोगों को जरूरत है अलाउद्दीन जैसे लोगों से सबक लेने की ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके.