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रांची/डेस्कः खूंटी जिले में हो रही बड़े पैमाने पर अफीम की खेती को लेकर कोर्ट के स्वतः संज्ञान की आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने मौखिक में कहा कि खूंटी आदिवासी क्षेत्र है. जहां अफीम का बड़ा उत्पादक क्षेत्र बताया जा रहा है. जो किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार योग्य नहीं है. कोर्ट ने मामले में राज्य के गृह सचिव, डीजीपी, डीजी सीआईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को प्रतिवादी बनाया है. इसके अलावे कोर्ट ने केंद्रीय एजेंसी और राज्य के इंटेलिजेंस एजेंसी को संयुक्त रूप से अभियान चला कर झारखंड में ड्रग्स की खरीद-फरोख्त पर रोकथाम के लिए कार्रवाई करने को कहा.
वहीं मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल कर जवाब मांगा है कि झारखंड को कैसे ड्रग्स से मुक्त बनाएंगे. मामले में अगली सुनवाई के लिए 7 मई की तिथि निर्धारित की गई है. बता दें, खूंटी में हजारों एकड़ भूमि पर अफीम की खेती को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था. इसपर खूंटी एसपी ने कोर्ट को बताया था कि बड़े पैमाने पर अफीम की खेती को नष्ट कर दिया है. बीते साल में लगभग 2200 एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया था. जबकि इस साल भी करीब 1400 एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया है.