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रांची/डेस्कः पाकुड़ सिविल कोर्ट द्वारा रेप मामले में एक युवक को दोषी करार देने के बाद 7 साल की सजा के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट ने पलट दिया है. दरअसल मामले में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए युवक ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर की.
दरअसल, निचली अदालत (पाकुड़ सिविल कोर्ट) ने रेप के आरोप में मोहिदुल नाम के एक युवक को दोषी करार दिया था और उसे 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ युवक ने झारखंड हाईकोर्ट से गुहार लगाते हुए क्रिमिनल रिट याचिका दाखिल की थी. जिसपर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों का बहस सुना.
कोर्ट में अधिवक्ता जसविंदर मजूमदार ने आरोपी मोईदुल की तरफ से अपना पक्ष रखा जबकि सरकार की तरफ से अधिवक्ता पंकज कुमार मिश्रा ने अपना पक्ष रखा. वहीं दोनों पक्षों के बहर सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि सभी तथ्यों को देखने के बाद स्पष्ट होता है कि आरोपी युवक ने शादी का झांसा देकर नहीं बल्कि युवती की सहमति से उससे शारीरिक संबंध बनाए है. इस वजह से यह रेप नहीं माना जाएगा.