रात भर बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाज से गूंजते रहते हैं गांव और शहर, प्रशासन सो रहीं है गहरी नींद में
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: जहां एक ओर सरकारी पदाधिकारी लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं, वहीं इसका लाभ उठाकर जिले भर में बालू का अवैध कारोबार करने वाले माफिया लाखों रुपये कमा रहे है. एक तरह से यह कहना गलत नहीं होगा कि हजारीबाग में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की धज्जियां उड़ रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. बड़कागांव अंचल क्षेत्र में बालू का सर्वाधिक अवैध कारोबार खुले आम चल रहा है. एनजीटी द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद भी दिनदहाड़े ट्रैक्टरों के माध्यम से बालू की अवैध ढुलाई की जा रही है.
वन विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि बालू खनन के लिए अब तक टेंडर नहीं हुआ है. आखिर किसके इशारे पर खुलेआम अवैध खनन की जा रही है. यह सवाल हर जनता के जुबान पर है. हालांकि प्रशासन द्वारा कभी-कभी अवैध बालू लदे एक या दो ट्रैक्टरों को जब्त कर खानापूर्ति की जाती है. जबकि इस क्षेत्र में 350 से अधिक ट्रैक्टर बालू के अवैध कारोबार में लगे हुए है. बड़कागांव के विभिन्न नदियों से बालू का अवैध उत्खनन 24 घंटा जारी रहता है. जिससे ट्रैक्टरों से बालू की ढुलाई होती है. रात दिन में नदियों का दोहन किया जा रहा है, इससे नदियों का अस्तित्व खतरे में है जलस्तर नीचे चल जा रहा है. इसके साथ ही नदी में बने कई पुलों का अस्तित्व खतरे भी में है. बताया जाता है कि कुछ जनप्रतिनिधियों की इस धंधे में सहयोग प्राप्त है.
बालू के खनन से जलस्तर जा रहा नीचे, एनजीटी में कराएंगे शिकायत दर्ज
जिला परिषद सदस्य यासमीन निशा और उनके प्रतिनिधि मोहम्मद इब्राहिम का कहना है कि बालू पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए. क्योंकि बड़कागांव में बालू खनन के कारण जलस्तर नीचे चल जा रहा है. आने वालें समय में लोगों को घर बनाने में भी दिक्कत होगी. अगर इस पर रोक नहीं लगेगी तो आंदोलन करेंगे. बताते चले कि यह गोरख धंधा रात के 2:00 बजे से ही ट्रैक्टरों के माध्यम से शुरू हो जाता है और सड़क किनारे घरों में सोये लोगों की नींद भी हराम हो जाती है. लोगों को सोने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में प्रमुख प्रतिनिधि हेमंत भुइयां का कहना है कि इस बारे में जिला उपायुक्त और नेशनल ट्रिब्यूनल में शिकायत दर्ज कराएंगे.