कृपा शंकर/न्यूज़11 भारत
बोकारो/डेस्क:-निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर आज झारखंड अभिभावक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जिला शिक्षा अधिकारी जगरनाथ लोहारा से मिला. इस दौरान संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी को 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा. संघ के जिला अध्यक्ष सह जिला जांच समिति सदस्य महेंद्र राय में कहा कि बीएसएल प्रबंधन द्वारा निर्गत भूमि पर चल रहे सभी निजी स्कूलों के सत्र 2023-24 व सत्र 2024-25 के एनुअल चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज, बुक लिस्ट तथा फी चार्ट में काफी परिवर्तन हुआ है. सभी निजी स्कूलों की पुस्तकें बाजार के सभी दुकानों पर उपलब्ध नहीं है बल्कि में विद्यालय प्रबंधन द्वारा चिन्हित बुक सेंटर पर ही उपलब्ध हैं. कहा कि आम बुक सेंटर पर किताबें मिलने पर, अभिभावकों को 20 से 40% तक छूट मिल जाती हैं. लेकिन स्कूल के चिन्हित बुक सेंटर पर कोई छूट न दी जाती है. जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभिन्न स्कूल प्रबंधन से पूछे गए 5 सवालों का जवाब 7 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है.
इस दौरान जाँच समिति सदस्य कौशल किशोर व अजित कुमार ठाकुर मौजूद थे. बता दें कि बोकारो डीसी विजया जाधव ने एक सोशल मीडिया पर बोकारो के स्कूलों की मनमानी को लेकर उठे सवाल पर संज्ञान लिया था. इसके बाद पत्रकारों के साथ बैठक में भी डीसी ने आगे बढ़ कर इस संबंध पर चर्चा की थी. साथ ही जिला स्तरीय कमेटी का गठन कर एक और कदम स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए बढ़ाया. वहीं कमेटी बनने के बाद अब जांच कमेटी भी डीसी का भरोसा मिलने पर एक्शन मोड में है.
7 दिन में स्कूल प्रबंधन से 5 प्रश्नों का मांगा है जवाब -
संघ जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से बोकारो में संचालित विभिन्न स्कूल प्रबंधकों से कई प्रश्नों पर जवाब की मांग की गई है. इनमें चिन्मया ,डीपीएस, जीजीपीएस, अय्यपा, पेंटेकोस्टल, एमजीएम, होली क्रॉस, बोकारो पब्लिक स्कूल, क्रेसेन्ट पब्लिक स्कूल, संत जेवियर, सरदार पटेल स्कूल प्रबंधन बताएं कि क्या स्कूल प्रबंधन द्वारा उनके पुस्तके बाजार के सभी बुक सेंटर पर उपलब्ध हैं. स्कूल प्रबंधन से पूछा है कि स्कूल प्रबंधन किन किन बुक सेंटरों पर आपकी बुक बेचा जा रहा है. साथ ही बुक सेंटर व स्कूल प्रबंधन के बीच की गई एग्रीमेंट की कॉपी की भी मांग है. सत्र 2023-24 व 2024-25 के बुक लिस्ट, फीस चार्ट, एनुअल चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज, री-एडमिशन की कॉपी की मांग की तथा स्कूल प्रबंधन द्वारा डेवलपमेंट चार्ज, री-एडमिशन तथा एनुअल चार्ज के नाम पर ली जा रही, राशि के खर्च पर पूरी जानकारी की मांगी है.