कृपा शंकर/न्यूज़ 11 भारत
बोकारो/डेस्क:-जयराम महतो गिरीडीह लोकसभा से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नांमाकन करने को लेकर बुधवार दोपहर एक बजे अपने समर्थकों के साथ बोकारो डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे. इस बीच यहां काफी हाई प्रोफाइल ड्रामा हुआ. रांची डीएसपी, नगड़ी थाना पुलिस बल के साथ पहुंची. पुलिस 2022 में जयराम महतो के नेतृत्व में झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के बैनर तले हुए विधानसभा घेराव को लेकर केस संख्या 48/22 के तहत जयराम को गिरफ्तार करने पहुंची थी. नामांकन दाखिल करने के इससे पहले कि डीसी कार्यालय परिसर से बाहर निकलता, रांची पुलिस ने जयराम महतो को गिरफ्तार कर लिया. इसकी जानकारी मिली गेट के बाहर खड़े जयराम समर्थकों ने हो-हंगामा शुरू कर दिया. वहीं, जयराम महतो और उनके वकील ने नामांकन के बाद आईटीआई मोड़ चास में निर्धारित जनसभा को संबोधित करने देने की मांग की. लेकिन पुलिस कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी. इधर, समर्थकों द्वारा जोरदार नारेबाजी का सिलसिला जारी था. जयराम महतो ने जनसभा कर अपने समर्थकों से बात करने की पेशकश की. पुलिस ने भी मामले की गंभीरता और समर्थकों के आक्रोश को देखते हुए, जनसभा की शर्त मान ली. आईटीआई मोड़ पहुंच कर सभा को संबोधित किया.
मैं सत्ता और संपत्ति का विकेंद्रीकरण करने की राजनीति करने आया हूं-
नामांकन के बाद हुए हाई प्रोफाइल ड्रामा के बाद डीसी कार्यालय से निकलकर जयराम महतो ने प्रेस से वार्ता की. कहा कि मैं एक ऐसी आईडियोलॉजी राजनीति में लेकर आया हूं, जिसे कोई बर्दाश्त नहीं करना चाहता. सब चाहते हैं केपीटलाइज्म की बात हो. सब चाहते हैं, कि नेता बन जाए तो चार गाड़ियां और चार जिलों में जमीन हो. कहा कि मैं इस क्रोनी कैपिटलिज्म (राजनीतिक वर्ग और व्यापारी वर्ग के बीच सांठगांठ पर निर्भर पूंजीवादी अर्थव्यवस्था) के खिलाफ न्यू पोलिटिक्स करने आया हूं. मैं सत्ता और संपत्ति के विकेंद्रीकरण की राजनीति करने आया हूं. अपनी सैलरी का 75 फीसदी दान करुंगा. मेरी यही बातें सभी को अखरती है.
भगत सिंह और सुनील महतो को आदर्श मानकर घर से निकला हूं, गोली भी चलेगी तो सीने पर खाऊंगा-
झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति के नेता जयराम महतो ने कहा कि कामरेड एक राय जेल से चुनाव जीते थे. नॉमिनेशन के दिन मुझे गिरफ्तार किया जाना मेरे लिए गर्व की बात है. हमें डिटेन किया जा रहा है. हम चुनाव जीतेंगे. हम डरने वाले नहीं है. कहा कि 'जिंदगी इरफानी है, जान तो एक दिन जानी है. हिम्मत तेरी जवानी है, कर डाल जो दिल में तूने ठानी है. भगत सिंह और सुनील महतो को आदर्श मानकर घर से निकला हूं. गोली भी चलेगी तो सीने में खाऊंगा. अपने निर्धारित सभा स्थल में संबोधन के बाद पुलिस जहां ले जाना चाहे, ले चले. सूली पर चढ़ता है तो चढ़ा दे. मारना तो एक दिन है ही. इसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ आईटीआई मोड़ सभा स्थल पहुंचे.