रांची : झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार सबको है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दिल्ली फेरा जारी है और हर फेरे के साथ मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना प्रबल होती चली जा रही है. दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार में देरी से बजट के आकार और उसके प्रकार को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली पूर्ण बहुमत की गठबंधन सरकार पर सबकी निगाहें टिकी है. हेमंत सोरेन के कैबिनेट में कौन-कौन चेहरा होगा. किसके कंधों पर किस विभाग की जिम्मेवारी होगी. कैबिनेट के अंदर बर्थ का फार्मूला क्या होगा. वगैरह -वगैरह. इन तमाम सवालों के जद में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद झारखंड के आगामी बजट के आकार और प्रकार का सवाल छुपा है. मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी पर बीजेपी का तंज सत्ता पक्ष के लिये किसी चुनौती से कम नहीं. बीजेपी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब तक चार बार दिल्ली दरबार में हाजरी लगा चुके हैं, पर मंत्रिमंडल पर आम राय नहीं बन पा रही है.
हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को आगामी बजट के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इस देरी से वित्तीय वर्ष 2020 - 2021 के झारखंड बजट निर्माण पर असर पड़ेगा. प्रदेश में खाली खजाने के साथ सत्ता की बागडोर संभालने वाली हेमंत सोरेन सरकार को नई - पुरानी योजनाओं के साथ जनता का दिल जीतना है. जेएमएम का मानना है कि मंत्रिमंडल का विस्तार भी बहुत जल्द होगा और आगामी बजट को लेकर भी तैयारी चल रही है.
राज्य के विकास में बजट का आकार हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है. हेमंत सोरेन सरकार के बजट में इस बार क्या कुछ नया होगा और किस समाज के विकास को वर्तमान सरकार में प्राथमिकता मिलेगी. ये और बहुत कुछ मंत्रिमंडल विस्तार और विभाग के बंटवारे के साथ तय हो जायेगी, मगर इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा.