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किरीबुरू/डेस्क: पश्चिमी सिंहभूम जिले के नुआमुंडी प्रखंड अंतर्गत किरीबुरु थाना के प्रभारी मुनाजीर हसन के नेतृत्व में किरीबुरू पुलिस टीम ने आज अहले सुबह लगभग 4 बजे गुप्त सूचना के आधार पर किरीबुरु-सेडल मुख्य मार्ग पर शांति स्थल मंदिर के समीप अवैध स्क्रैप लदा लाल रंग की बोलेरो वाहन (जेएच06जी-5413) के साथ तीन स्क्रैप चोरों को पकड़ने में बडी सफलता प्राप्त की है.
इस चोरी से पूर्व भी किरीबुरू पुलिस ने दो मालवाहक वाहन को मेघाहातुबुरु लौह अयस्क खदान से पकड़ा था उस वक्त बड़ा जामदा के चर्चित स्क्रैप कारोबारी का नाम भी आया था लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारियों से साठ गांठ होने के कारण उस स्क्रैप वाहन से माल कहां ले जाया जा रहा था ऐसे कई सवाल आज भी सवाल बना हुआ है. आज जो बोलेरो से स्क्रैप ले जाया जा रहा था, वो भी किस माफिया के पास ले जाया जा रहा था. लेकिन बड़ा जामदा के स्क्रैप कारोबारी के होने से क्षेत्र में चोरी की घटना में काफी बढ़ोतरी हुई है. सड़क किनारे लगे बोर्ड, गार्ड वाल घरों, खदानों आदि जगहों से जम कर चोरी की घटना अब आम बात हो गई है. लोगों का कहना भी है उच्च अधिकारियों से लेकर पुलिस प्रशासन आदि तक नोट पहुंच जाता है ऐसी घटनाओं पर रोक कैसे लगेगी.
दूसरी तरफ सीआईएसएफ की भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि किरीबुरु शहर से झारखण्ड और ओडिशा के विभिन्न शहरों में जाने के लिए चार मार्ग है. चारों मार्ग पर सीआईएसएफ का गेट है. जहां काफी चेक करने के बाद ही सीआईएसएफ के द्वारा छोड़ा जाता है. लेकिन आज जिस तरह से अवैध स्क्रैप लोड बोलेरो मेघाहातुबुरु के टीआर गेट से बिना जांच के कैसे पार हो गई. स्वाभाविक है कि गेट पर तैनात दो जवान जो की रात्रिपाली में थे उनकी सांठगांठ इन माफियाओं से रही होगी.
गेट पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा है. इस मामले की जांच सीआईएसएफ को भी कर अपने दोषी जवानों पर कार्यवाही करनी चाहिये. क्योंकि जब आम लोग अपना घरेलू सामान या दुकान का राशन मवेशियों का चारा आदि लाते या ले जाते हैं तो कई तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है कई बार ड्यूटी के दौरान जवान लापरवाही भी करते हैं जैसा कि इस घटना के बाद जब रिपोर्टिंग करने के लिए गेट पर देखने को मिला गेट पूरी तरह से खुला हुआ था और वहीं, दूसरा जवान मोबाइल चलाने में व्यस्त दिखे. हालांकि, जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि छोटी व निजी वाहनों को जांच करने का हमे आदेश नही है हम सिर्फ मालवाहक वाहनो को ही जांच करते हैं.
खैर सभी सीआईएसएफ के जवान अपनी ड्यूटी वफादारी के साथ करते हैं, लेकिन कुछ लोगों की वजह से सीआईएसएफ पर भी दाग लग रहा है. विभाग को ऐसे जवानों की पहचान करने की जरुरत है. पुलिस भी पूरे मामले की जांच कर रही है.