न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिला में प्रशासन एक बाल विवाह रुकवाने में सफल रही. नाबालिग दूल्हे की बारात मुंगेली जिला जाने को तैयार थी. प्रशासनिक अधिकारीयों ने दुल्हे के माता-पिता को समझा-बुझा कर शादी रुकवा दी. पामगढ़ के जनपद पंचायत के ग्राम भिलौनी में ये मामला सामने आया है. खबर है कि मार्कशीट के आधार पर दुल्हे की उम्र 20 वर्ष 9 माह 10 दिन है. इसके बाद मुंगेली जिले की बालिका के उम्र के लिए समन्वय किया गया, तत्पश्चात जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने दुल्हे के माता-पिता को समझाया और कानून से अवगत भी करवाया. साथी ही शादी होने के बाद कानूनी कार्रवाई से भी चेताया.
बता दें कि जिला प्रशासन को ये सुचना मिली थी कि ग्राम भिलौनी में जिस लड़के की शादी हो रही है, उसकी उम्र कानूनी तौर पर शादी के लिए कम है. इसके बाद जिले के कलेक्टर आकाश छिकारा ने इस शादी को रोकने के निर्देश दिए. इसके बाद महिला एवं बाल विकास अधिकारी अनीता अग्रवाल और जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र जायसवाल के साथ पुलिस टीम ने शादी रुकवाई. दुल्हे के माता-पिता ने भी दुल्हे के विवाह योग्य ना होने पर अपनी सहमती दी. बताया जा रहा है कि दुल्हे की मेहंदी और हल्दी की रस्म पूरी हो गई थी और बारात निकलने के लिए तैयार थी. अधिकारीयों की टीम ने दुल्हे के परिवार वालों को बाल विवाह के बाद होने वाली परेशानियों के बारे में बताया. इसके साथी ही बाल विवाह को लेकर बनाए गए कानून के बारे भी बताया.
अधिकारीयों ने परिजनों से कहा कि बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत शादी के लिए लड़की की उम्र 18 और लड़के की उम्र 21 वर्ष निश्चित की गई है. बाल विवाह करने की स्थिति में माता-पिता, रिश्तेदार, पंडित और रसोइया तक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. कानून के तहत 2 साल की कठोर कारावास और 1 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है.