न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: आयुर्वेद में स्थान रखने वाला 'बहेड़ा' एक औशोधीय पौधा है. बहेड़ा में कई महत्वपूर्ण गुण पाए जाते है. बहेड़ा हमारे शारीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसके साथ ही खांसी-जुकाम के साथ थकान और तनाव को भी बहुत कम करता है. नींबू और शहद के साथ इसे उपयोग करने से इसके लाभ बढ़ जाते है. अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. बहेड़ा को संस्कृत में करशफल और विभिताकी भी कहते है. बहेड़ा का मुख्यतः उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है. बालों को सफेद होने से भी बहेड़ा रोकता है. इसके साथ ही बहेड़ा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
सेहत के लिए फायदेमंद हैं बहेड़ा
आयुर्वेदिक चिकत्सकों का कहना है कि बहेड़ा प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, यह सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद है. बहेड़ा शारीर में शांति देने वाले गुणों को भी बढ़ाता है, जो एक अच्छे स्वास्थ्य की पहचान भी है. इसके साथ ही बहेड़ा को शक्कर के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. बहेड़ा के छाल को पीसकर मधु के साथ इसका लेप आंखों में लगाने पर आंखों की दर्द से भी बड़ी राहत मिलती है. बहेड़ा का तेल भी बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. ये बाल को स्वस्थ और मजबूत बनाते है. बहेड़ा का सेवन दमा के लिए भी बहुत लाभकारी होता है. हिचकी को तुरंत दूर करने के लिए बहेड़ा के छाल को मधु के साथ सेवन करना चाहिए.