न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- ED की छापेमारी में अभी तक 45 करोड़ से अधिक रुपये नगद बरामदगी के बाद एक सवाल सियासी गलियारे में तेजी से दौड़ने लगा है. आखिर इस काले धन का मालिक कुबेर कौन है. एक नौकर के पास आखिर इतना रुपया कहां से आया. क्या यह रुपये संजीव के हैं या किसी ऐसे सफेदपोश के हैं जो परदे के पीछे रहकर सारा खेल रचता है. क्या यह रुपये चुनाव में खपाने के लिए लाए गए थे. इस तरह के सवालों से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. एक तरफ जहां एक नौकर के घर से भारी तादाद में नगद बरामदगी के बाद पूरे राज्य में हड़कंप है वहीं दूसरी तरफ इस मामले पर सियासत में भी भारी उबाल आ गया है. ED की टीम ने मंत्री आलमगीर आलम के OSD संजीव लाल समेत उनके पूरे कुनबे पर शिकंजा कस दिया है. सोमवार की सुबह ED की टीम ने रांची के 9 से अधिक ठिकानों पर छापामारी शुरु की. यह छापामारी मंत्री आलमगीर आलम के OSD संजीव लाल को घर समेत उनके करीबियों के घर पर शुरु की गयी. लेकिन दोपहर होते होते शहर में भूचाल आ गया. संजीव के करीबियों की तो बात अलग है साथ ही उसके नौकर जहांगीर के एक किराए के फ्लैट से करोड़ों रुपये नगद मिले हैं. नोटों की जैसे जैसे गिनती होती गयी ED अधिकारी भी हैरत में पड़ गए. देर शाम तक नोटों की गिनती 45 करोड़ रुपयों से उपर पहुंच चुकी थी. एक नौकर के घर पर मिले इस कैशलोक ने जांच एजेंसियों और सियासी ओहदेदारों की नींद उडा रखी है.
वोट से पहले नोट की 'काउंटिंग'
झारखंड में पहले चरण के चुनाव 13 मई से होने वाले हैं. 4 जून को वोटों की गिनती की जाएगी लेकिन झारखंड एक ऐसा राज्य बन गया है जहां वोटों की गिनती से पहले ही नोटों की गिनती शुरु हो गयी है. बीजेपी ने इसे लेकर कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर करारा वार किया है. बाबूलाल मरांडी ने तो आलमगीर आलम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है, वहीं सुदेश महतो ने भी कैश बरामदगी को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं.
केवल 6 माह पूर्व लिया गया किराए पर फ्लैट
जिस फ्लैट से 45 करोड़ से ज्यादा नगद बरामदगी की गयी है वह फ्लैट महज 6 माह पहले ही किराए पर लिया गया था. जहांगीर ने जिस फ्लैट को किराए पर लिया और स्कूटी से वहां आना जाना करता था. आसपास के लोगों का कहना है कि वह जब भी वहां आता एक मैला कुचैला झोला अपने साथ लेकर आता था. ED की टीम को उस फ्लैट से जो नगद बरामदगी हुई है वह झोलों में ही रखी मिली है. इस जानकारी के बाद यह साफ है कि यह रुपया महज 6 माह के भीतर काले धन के रुप में जमा किया गया है.
वीरेन्द्र राम से जुड़े मामले में छापामारी
रांची के 9 ठिकानों पर ईडी ने जो छापेमारी शुरु की है वह बीते साल गिरफ्तार हुए झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े मामलों में की है. उन पर कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में भारी अनियमितता का आरोप है. ईडी के मुताबिक इन सरकारी योजनाओं के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. रांची के जिन 9 ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे हैं, उसमें पथ निर्माण विभाग में कार्यरत सेल सिटी के इंजीनियर विकास कुमार का आवास भी शामिल है. इसके अलावा मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के सहायक जहांगीर आलम, मुन्ना सिंह समेत बरियातू के ठिकानों पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि ठेकेदार मुन्ना सिंह, झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल का करीबी है.
संजीव पहले भी 2 मंत्रियों के OSD रह चुके हैं- आलमगीर
वहीं इस मामले में मंत्री आलमगीर आलम का कहना है कि संजीव लाल सरकारी कर्मचारी है. उसके अनुभव को देखते हुए उसे नौकर पर रखा गया था. आलमगीर का दावा है कि संजीव लाल इससे पहले सीपी सिंह और बिमला देवी का OSD भी रह चुका है.