कोरोना की तीसरी लहर के खौफ में सरकार सतर्क है, और हर संभव कोरोना के खिलाफ काम कर रही है. हालांकि वैक्सीन लेने के बाद कुछ हद तक कोरोना पर काबू पाया गया. वहीं अब जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी गई.
इस वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को ZyCoV-D नाम दिया गया है, यह डीएनए पर आधारित दुनिया की पहली स्वदेशी वैक्सीन है.
बता दें कि जहां कोविशील्ड और कोवैक्सीन के दो डोज लगाए जा रहे थे, लेकिन इस वैक्सीन के एक या दो नहीं बल्कि तीन खुराक लेनी पड़ेगी. इसके साथ ही ये नीडललेस है, मतलब इसे सुई से नहीं लगाया जाता है. इसकी वजह से साइड इफेक्ट के खतरे भी कम होते हैं.
पूरी बहादुरी से लड़ रहे भारतीय- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत कोरोना की लड़ाई पूरी बहादुरी के साथ लड़ रहा है. दुनिया की पहली डीएनए आधारित जायडस कैडिला की वैक्सीन भारतीय वैज्ञानिकों के इनोवेटिव उत्साह को दर्शाती है.
देश में 6वीं वैक्सीन, जिसे इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली
बता दें कि कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक V, मॉडर्ना और जॉनसन के बाद जायडस कैडिला 6ठी वैक्सीन है, जिसे मंजूरी मिली है. हालांकि, भारत में अभी सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है.