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रांचीः ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे अब तक 290 से अधिक यात्रियों की जान जा चुकी है जबकि करीब 1000 लोग घायल हुए हैं. तीन ट्रेनों की हुई इस भीषण टक्कर के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है. इस जांच रिपोर्ट के अनुसार इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती सामने आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक गलत सिग्नल के कारण हुआ हादसा
इस जांच रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेन हादसे की असली वजह सिग्नल की गलती को बतया जा रहा है. बहानगा बाजार स्टेशन पर मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी. इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची. हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो. बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था. कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी.
दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी
बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई. पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. जिसके बाद इतनी भीष्ण ट्रेन हादसा हुई.