मुजतबा हैदर रिजवी/ न्यूज11भारत
जमशेदपुर/डेस्क:-जमशेदपुर लोकसभा सीट से झामुमो ने बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती को अपना उम्मीदवार बनाया है. समीर मोहंती झामुमो के दमदार प्रत्याशी माने जा रहे हैं. उन्होंने बहरागोड़ा विधानसभा के साल 2019 में हुए चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार कुणाल षाड़ंगी को 7565 रिकार्ड मतों से शिकस्त दी थी. समीर मोहंती को 1 लाख 6017 वोट मिले थे. जबकि, कुणाल षाड़ंगी महज 45 हजार 452 मतों पर सिमट गए थे. माना जा रहा है कि समीर मोहंती की जनता के बीच अच्छी पैठ है. वह हमेशा जनता के बीच बने रहते हैं. इस का उन्हें फायदा मिल सकता है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका और जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र में झामुमो अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. क्योंकि, ग्रामीण इलाके में पार्टी की पकड़ अच्छी बताई जा रही है. इन सभी विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के विधायक हैं. समीर मोहंती खुद बहरागोड़ा के विधायक हैं.
फर्श से अर्श तक कैसे पहुंचे समीर
समीर मोहंती ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 2005 के विधानसभा चुनाव से की थी. यह चुनाव समीर मोहंती ने निर्दलीय लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें बेहद कम 9411 मत मिले थे. इस चुनाव में भाजपा के दिनेश षाड़ंगी ने झामुमो के विद्युत वरण महतो को हराया था. दिनेश षाड़ंगी को 51 हजार 753 मत मिले थे. कम वोट मिलने के बावजूद समीर मोहंती ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा.
साल 2009 में आजसू के टिकट पर लड़ा था चुनाव
साल 2009 के अगले चुनाव में समीर मोहंती को आजसू पार्टी से टिकट मिल गया. इस बार उनका प्रदर्शन अच्छा रहा और उनके वोटों की संख्या में इजाफा हुआ. साल 2009 के चुनाव में समीर मोहंती ने आजसू पार्टी के टिकट पर लड़ते हुए 11 हज़ार 465 वोट प्राप्त किए. इस चुनाव में भी असफल रहने वाले समीर मोहंती ने हार नहीं मानी और उन्होंने साल 2014 में फिर बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से ताल ठोकी. इस बार उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक को चुना. इस बार उनके वोट प्रतिशत में जबरदस्त इजाफा हुआ. समीर मोहम्मदी को इस चुनाव में 42130 वोट मिले. यानी कुल 25.99 प्रतिशत वोट मिले थे. वोट प्रतिशत में इस बढ़ोतरी से समीर मोहंती काफी उत्साहित हुए और उन्होंने अपने इलाके में और मेहनत करनी शुरू की.
साल 2019 में भाजपा के कुणाल को रिकॉर्ड मतों से हराया
समीर मोहंती ने अपनी सफलता का परचम लहराने की रणनीति तैयार की. इसी रणनीति के तहत वह भाजपा में चले गए थे. लेकिन ऐन वक्त पर जब उन्होंने देखा की झामुमो नेता कुणाल षाड़ंगी ने पाला बदल लिया है. कुणाल पार्टी छोड़ भाजपा में चले गए थे. ऐसे में समीर मोहंती समझ गए कि उन्हें भाजपा से टिकट मिलना मुश्किल है. समीर मोहंती ने सियासी पलटी मार दी. समीर मोहंती भाजपा छोड़ झामुमो में पहुंच गए. झामुमो का दामन थाम लिया. साल 2019 के इस विधानसभा चुनाव में जनता ने समीर मोहंती को निराश नहीं किया. उन्होंने 60 हजार 565 मतों से रिकॉर्ड जीत हासिल की थी.